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Happy Independence Day Shayari In Hindi

Best 101+ Happy independence day Shayari in Hindi & English 2023

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Happy Independence Day Shayari In Hindi” is a heartfelt and poetic expression in the Hindi language, specifically crafted to commemorate India’s Independence Day.

This Shayari resonates with the spirit of patriotism, freedom, and national pride. It likely includes verses that pay tribute to the sacrifices made by the freedom fighters and exude a sense of unity and love for the country.

This beautiful Happy Independence Day Shayari In Hindi brings a sense of celebration and joy, as it expresses gratitude for the independence attained and hopes for a prosperous and harmonious future for the nation.

Two line sher on Independence day ( Hindi )

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है
बिस्मिल अज़ीमाबादी

दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी ख़ुशबू-ए-वफ़ा आएगी
लाल चन्द फ़लक

जवानो नज़्र दे दो अपने ख़ून-ए-दिल का हर क़तरा
लिखा जाएगा हिन्दोस्तान को फ़रमान-ए-आज़ादी
नाज़िश प्रतापगढ़ी

क्या करिश्मा है मिरे जज़्बा-ए-आज़ादी का
थी जो दीवार कभी अब है वो दर की सूरत
अख़्तर अंसारी अकबराबादी

ऐ ख़ाक-ए-वतन अब तो वफ़ाओं का सिला दे
मैं टूटती साँसों की फ़सीलों पे खड़ा हूँ
जावेद अकरम फ़ारूक़ी

Shayari on independence day in hindi

मैं ने आँखों में जला रखा है आज़ादी का तेल
मत अंधेरों से डरा रख कि मैं जो हूँ सो हूँ
अनीस अंसारी

है मोहब्बत इस वतन से अपनी मिट्टी से हमें
इस लिए अपना करेंगे जान-ओ-तन क़ुर्बान हम
अज्ञात

ख़ूँ शहीदान-ए-वतन का रंग ला कर ही रहा
आज ये जन्नत-निशाँ हिन्दोस्ताँ आज़ाद है
अमीन सलौनवी

काबे को जाता किस लिए हिन्दोस्ताँ से मैं
किस बुत में शहर-ए-हिन्द के शान-ए-ख़ुदा न थी
रिन्द लखनवी

भारत के ऐ सपूतो हिम्मत दिखाए जाओ
दुनिया के दिल पे अपना सिक्का बिठाए जाओ
लाल चन्द फ़लक

Happy Independence Day Shayari in hindi

स्वतंत्र दिवस पर शायरी

Happy Independence Day Shayari In Hindi
Happy Independence Day Shayari In Hindi

न होगा राएगाँ ख़ून-ए-शहीदान-ए-वतन हरगिज़
यही सुर्ख़ी बनेगी एक दिन उनवान-आज़ादी
नाज़िश प्रतापगढ़ी

ऐ अहल-ए-वतन शाम-ओ-सहर जागते रहना
अग़्यार हैं आमादा-ए-शर जागते रहना
जाफ़र मलीहाबादी

वतन की पासबानी जान-ओ-ईमाँ से भी अफ़ज़ल है
मैं अपने मुल्क की ख़ातिर कफ़न भी साथ रखता हूँ
अज्ञात

हम भी तिरे बेटे हैं ज़रा देख हमें भी
ऐ ख़ाक-ए-वतन तुझ से शिकायत नहीं करते
खुर्शीद अकबर

फिर दयार-ए-हिन्द को आबाद करने के लिए
झूम कर उट्ठो वतन आज़ाद करने के लिए
अल्ताफ़ मशहदी

कहाँ हैं आज वो शम-ए-वतन के परवाने
बने हैं आज हक़ीक़त उन्हीं के अफ़्साने
सिराज लखनवी

Shayari on independence day in hindi 2023

उस मुल्क की सरहद को कोई छू नहीं सकता
जिस मुल्क की सरहद की निगहबान हैं आँखें
अज्ञात

हम ख़ून की क़िस्तें तो कई दे चुके लेकिन
ऐ ख़ाक-ए-वतन क़र्ज़ अदा क्यूँ नहीं होता
वाली आसी

दिलों में हुब्ब-ए-वतन है अगर तो एक रहो
निखारना ये चमन है अगर तो एक रहो
जाफ़र मलीहाबादी

ये कह रही है इशारों में गर्दिश-ए-गर्दूं
कि जल्द हम कोई सख़्त इंक़लाब देखेंगे
अहमक़ फफूँदवी

इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान
अँधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान
जावेद अख़्तर

वतन के जाँ-निसार हैं वतन के काम आएँगे
हम इस ज़मीं को एक रोज़ आसमाँ बनाएँगे
जाफ़र मलीहाबादी

Independence Day Shayari In Hindi-Doha

नक़्शा ले कर हाथ में बच्चा है हैरान
कैसे दीमक खा गई उस का हिन्दोस्तान
निदा फ़ाज़ली

Independence day quotes in Hindi-हिन्दी

“स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, और मैं इसे पाकर रहूंगा।”
बाल गंगाधर तिलक

“करो या मरो।” – महात्मा गांधी

“इंकलाब ज़िंदाबाद!” – भगत सिंग

“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा।”
नेताजी सुभाष चंद्र बोस

“रक्त दो और मैं तुम्हें स्वतंत्रता दूंगा।” –
नेताजी सुभाष चंद्र बोस

“बहुत साल पहले, हमने भाग्य से वादा किया था,
और अब वह समय आ गया है
जब हम अपने वचन को पूरा करेंगे।”
जवाहरलाल नेहरू

“आधी रात के घड़ी के क्षण में,
जब दुनिया सोती है,
भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जागेगा।”
जवाहरलाल नेहरू

“धर्म में सबसे महत्वपूर्ण चीज है
हृदय को शुद्ध करना।
स्वर्ग का राज्य हमारे भीतर है,
लेकिन केवल शुद्ध हृदय ही ‘
राजा’ को देख सकता है!”
स्वामी विवेकानंद

लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है
उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी
फ़िराक़ गोरखपुरी

Happy Independence Day Shayari 2023 Wishes

  • On this joyous occasion of Independence Day, may our nation continue to prosper and shine bright with freedom and unity! Happy Independence Day 2023!
  • As we celebrate our freedom, let’s remember the sacrifices made by our brave heroes. Wishing you a heartfelt Independence Day filled with pride and gratitude.
  • May the spirit of patriotism fill your heart with joy and pride as we commemorate another year of our independence. Happy Independence Day 2023!
  • Today, we salute the courage of those who fought for our freedom and made our country proud. Let’s cherish this precious gift of independence. Happy Independence Day!
  • May the tricolour flag always fly high, symbolizing the triumph of bravery and liberty. Wishing you and your loved ones a memorable Independence Day 2023!

Happy Independence Day Shayari in Hindi 2023 Quotes

  • Let’s come together to celebrate the freedom that unites us all. May our nation’s future be filled with prosperity and harmony. Happy Independence Day 2023!
  • As we hoist the flag with pride, let’s promise to uphold the values that make our nation great. Wishing you a blessed and happy Independence Day!
  • On this auspicious day, let’s take a moment to appreciate the beauty of freedom and cherish the memories of those who fought for it. Happy Independence Day 2023!
  • May the spirit of liberty and progress always guide our nation towards a brighter and better tomorrow. Happy Independence Day to you and your family!
  • Today is a day of celebration and reflection. Let’s honour the sacrifices of our forefathers and work towards a brighter future for our nation. Happy Independence Day 2023!

Happy Independence Day Shayari in hindi-ghazals

“Happy Independence Day Shayari in Hindi-Ghazals” are soul-stirring poetic compositions in the Ghazal format, dedicated to celebrating India’s Independence Day.

These poetic verses artfully blend emotion, patriotism, and pride, capturing the essence of freedom and the nation’s journey to sovereignty.

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा
ग़ुर्बत में हों अगर हम रहता है दिल वतन में
समझो वहीं हमें भी दिल हो जहाँ हमारा

पर्बत वो सब से ऊँचा हम-साया आसमाँ का
वो संतरी हमारा वो पासबाँ हमारा
गोदी में खेलती हैं इस की हज़ारों नदियाँ
गुलशन है जिन के दम से रश्क-ए-जिनाँ हमारा
ऐ आब-रूद-ए-गंगा वो दिन है याद तुझ को

उतरा तिरे किनारे जब कारवाँ हमारा
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा
यूनान ओ मिस्र ओ रूमा सब मिट गए जहाँ से
अब तक मगर है बाक़ी नाम-ओ-निशाँ हमारा

कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौर-ए-ज़माँ हमारा
‘इक़बाल’ कोई महरम अपना नहीं जहाँ में
मालूम क्या किसी को दर्द-ए-निहाँ हमारा

Swatantrata Diwas Shayari in Hindi

sare jahan se achchha hindostan hamara
hum bulbulen hain is ki ye gulsitan hamara
ghurbat me hon agar hum rahta hi dil watan me
samjho wahin hamein bhi dil ho jahan hamara

parbat wo sab se uncha ham-saya aasman ka
wo santari hamara wo pasban hamara
godi mein khelti hain is ki hazaron nadiyan
gulshan hai jin ke dam se rashk-e-jinan hamara
ai aab-rud-e-ganga wo din hai yaad tujh ko

utra tere kinare jab karwan hamara
mazhab nahin sikhata aapas mein bair rakhna
hindi hain hum watan hai hindostan hamara
yunan o misr o ruma sab miT gae jahan se
ab tak magar hai baqi nam-o-nishan hamara

kuchh baat hai ki hasti miTti nahin hamari
sadiyo raha hi dushman daur-e-zaman hamara
‘iqbaal’ koi mahram apna nahin jahan mein
malum kya kisi ko dard-e-nihan hamara

Allama Iqbal

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है

ऐ शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तिरे ऊपर निसार
ले तिरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफ़िल में है

वाए क़िस्मत पाँव की ऐ ज़ोफ़ कुछ चलती नहीं
कारवाँ अपना अभी तक पहली ही मंज़िल में है

रहरव-ए-राह-ए-मोहब्बत रह न जाना राह में
लज़्ज़त-ए-सहरा-नवर्दी दूरी-ए-मंज़िल में है

शौक़ से राह-ए-मोहब्बत की मुसीबत झेल ले
इक ख़ुशी का राज़ पिन्हाँ जादा-ए-मंज़िल में है

आज फिर मक़्तल में क़ातिल कह रहा है बार बार
आएँ वो शौक़-ए-शहादत जिन के जिन के दिल में है

मरने वालो आओ अब गर्दन कटाओ शौक़ से
ये ग़नीमत वक़्त है ख़ंजर कफ़-ए-क़ातिल में है

माने-ए-इज़हार तुम को है हया, हम को अदब
कुछ तुम्हारे दिल के अंदर कुछ हमारे दिल में है

मय-कदा सुनसान ख़ुम उल्टे पड़े हैं जाम चूर
सर-निगूँ बैठा है साक़ी जो तिरी महफ़िल में है

वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमाँ
हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है

अब न अगले वलवले हैं और न वो अरमाँ की भीड़
सिर्फ़ मिट जानेकी हसरत दिल-ए-‘बिस्मिल’ में है

sarfaroshi ki tamanna ab hamare dil mein hai
dekhna hai zor kitna bazu e qatil mein hai

ai shahid-e-mulk o millat main tere upar nisar
le teri himmat ka charcha ghair ki mahfil mein hai

wae qismat panw ki ai zoaf kuchh chalti nahin
karwan apna abhi tak pahli hi manzil mein hai

rahraw e rah e mohabbat rah na jaana rah mein
lazzat e sahra nawardi duri e manzil mein hai

shauq se rah e mohabbat ki musibat jhel le
ek KHushi ka raaz pinhan jada e manzil mein hai

aaj phir maqtal mein qatil kah raha hai bar bar
aaen wo shauq eshahadat jin ke jin ke dil mein hai

marne walo aao ab gardan kaTao shauq se
ye ghanimat waqt hai KHanjar kaf e qatil mein hai

mane e izhaar tum ko hai haya, hum ko adab
kuch tumhare dil ke andar kuch hamare dil men hai

mai-kada sunsan KHum ulTe paDe hain jam chur
sar-nigun baiTha hai saqi jo teri mahfil mein hai

waqt aane de dikha denge tujhe ai aasman
hum abhi se kyun bataen kya hamare dil mein hai

ab na agle walwale hain aur na wo arman ki bhiD
sirf mit jaane ki ek hasrat dil e ‘bismil’ mein hai

SOURCE – Hikayat e hasti

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Happy Independence Day Shayari In Hindi- नज़्म

This is a Hindi Shayari (poem) that celebrates India’s Independence Day. It is a joyful and patriotic expression of love and admiration for the country and its freedom. The poem likely expresses gratitude to the freedom fighters and leaders who fought for India’s independence, and it may also evoke feelings of unity, pride, and hope for a better future.

उठो हिन्द के बाग़बानो उठो

This poem was recited on 15th August 2007 at the same place where, on 15th August 1947, Pandit Jawaharlal Nehru had declared India’s independence.

उठो हिन्द के बाग़बानो उठो
उठो इंक़िलाबी जवानो उठो
किसानों उठो काम-गारो उठो
नई ज़िंदगी के शरारो उठो

उठो खेलते अपनी ज़ंजीर से
उठो ख़ाक-ए-बंगाल-ओ-कश्मीर से
उठो वादी ओ दश्त ओ कोहसार से
उठो सिंध ओ पंजाब ओ मल्बार से

उठो मालवे और मेवात से
महाराष्ट्र और गुजरात से
अवध के चमन से चहकते उठो
गुलों की तरह से महकते उठो

उठो खुल गया परचम-ए-इंक़लाब
निकलता है जिस तरह से आफ़्ताब
उठो जैसे दरिया में उठती है मौज
उठो जैसे आँधी की बढ़ती है फ़ौज

उठो बर्क़ की तरह हँसते हुए
कड़कते गरजते बरसते हुए
ग़ुलामी की ज़ंजीर को तोड़ दो
ज़माने की रफ़्तार को मोड़ दो

Happy Independence Day Shayari In Hindi
Happy Independence Day Shayari In Hindi

SOURCE & Author
Book – Urdu Mein Qaumi Shairi Ke Sau Saal Author – Ali Jawad Zaidi

मेरे वतन वतन- नज़्म

मेरे वतन, प्यारे वतन
राहत के गहवारे वतन
हर दिल के उजयारे वतन
हर आँख के तारे वतन

गुल-पोश तेरी वादियाँ
फ़रहत-निशाँ राहत-रसाँ
तेरे चमन-ज़ारों पे है
गुलज़ार-ए-जन्नत का गुमाँ

हर शाख़ फूलों की छड़ी
हर नख़्ल-ए-तूबा है यहाँ
कौसर के चश्मे जा-ब-जा
तसनीम हर आब-ए-रवाँ

हर बर्ग रूह-ए-ताज़गी
हर फूल जान-ए-गुल्सिताँ
हर बाग़ बाग़-ए-दिल-कशी
हर बाग़ बाग़-ए-बे-ख़िज़ाँ

दिलकश चरागाहें तिरी
ढोरों के जिन में कारवाँ
अंजुम-सिफ़त गुलहा-ए-नौ
हर तख़्ता-ए-गुल आसमाँ

नक़्श-ए-सुरय्या जा-ब-जा
हर हर रविश इक कहकशाँ
तेरी बहारें दाइमी
तेरी बहारें जावेदाँ

तुझ में है रूह-ए-ज़िंदगी
पैहम रवाँ पैहम दवाँ
दरिया वो तेरे तुंद-ख़ू
झीलें वो तेरी बे-कराँ

शाम-ए-अवध के लब पे है
हुस्न-ए-अज़ल की दास्ताँ
कहती है राज़-ए-सरमदी
सुब्ह-ए-बनारस की ज़बाँ
उड़ता है हफ़्त-अफ़्लाक पर

उन कार-ख़ानों का धुआँ
जिन में हैं लाखों मेहनती
सनअत-गरी के पासबाँ
तेरी बनारस की ज़री

रश्क-ए-हरीर-ओ-परनियाँ
बीदर की फ़नकारी में हैं
सनअत की सब बारीकियाँ
अज़्मत तिरे इक़बाल की

तेरे पहाड़ों से अयाँ
दरियाओं का पानी, तरी
तक़्दीस का अंदाज़ा-दाँ
क्या ‘भारतेंदु’ ने किया

गंगा की लहरों का बयाँ
‘इक़बाल’ और चकबस्त हैं
अज़्मत के तेरी नग़्मा-ख़्वाँ
‘जोश’ ओ ‘फ़िराक़’ ओ ‘पंत’ हैं

तेरे अदब के तर्जुमाँ
‘तुलसी’ ओ ‘ख़ुसरव’ हैं तेरी
तारीफ़ में रत्ब-उल-लिसाँ
गाते हैं नग़्मा मिल के सब

ऊँचा रहे तेरा निशाँ
मेरे वतन, प्यारे वतन
राहत के गहवारे वतन
हर दिल के उजियारे वतन

हर आँख के तारे वतन
तेरे नज़ारों के नगीं
दुनिया की ख़ातम में नहीं
सारे जहाँ में मुंतख़ब

कश्मीर की अर्ज़-ए-हसीं
फ़ितरत का रंगीं मोजज़ा
फ़िरदौस बर-रू-ए-ज़मीं
फ़िरदौस बर-रू-ए-ज़मीं

हाँ हाँ हमीं अस्त ओ हमीं
सरसब्ज़ जिस के दश्त हैं
जिस के जबल हैं सुर्मगीं
मेवे ब-कसरत हैं जहाँ

शीरीं मिसाल-ए-अंग्बीं
हर ज़ाफ़राँ के फूल में
अक्स-ए-जमाल-ए-हूरईं
वो मालवे की चाँदनी

गुम जिस में हों दुनिया-ओ-दीं
इस ख़ित्ता-ए-नैरंग में
हर इक फ़ज़ा हुस्न-आफ़रीं
हर शय में हुस्न-ए-ज़िंदगी

दिलकश मकाँ दिलकश ज़मीं
हर मर्द मर्द-ए-ख़ूब-रू
हर एक औरत नाज़नीं
वो ताज की ख़ुश-पैकरी

हर ज़ाविए से दिल-नशीं
सनअत-गरों के दौर की
इक यादगार-ए-मरमरीं
होती है जो हर शाम को

फ़ैज़-ए-शफ़क़ से अहमरीं
दरिया की मौजों से अलग
या इक बत-ए-नज़्ज़ारा-बीं
या ताएर-ए-नूरी कोई

पर्वाज़ करने के क़रीं
या अहल-ए-दुनिया से अलग
इक आबिद-ए-उज़्लत-गुज़ी
नक़्श-ए-अजंता की क़सम

जचता नहीं अर्ज़ंग-ए-चीं
शान-ए-एलोरा देख कर
झुकती है आज़र की जबीं
चित्तौड़ हो या आगरा

ऐसे नहीं क़िलए कहीं
बुत-गर हो या नक़्क़ाश हो
तू सब की अज़्मत का अमीं
मेरे वतन, प्यारे वतन

राहत के गहवारे वतन
हर दिल के अजियारे वतन
हर आँख के तारे वतन
दिलकश तिरे दश्त ओ चमन

रंगीं तिरे शहर ओ चमन
तेरे जवाँ राना जवाँ
तेरे हसीं गुल पैरहन
इक अंजुमन दुनिया है ये

तू इस में सद्र-ए-अंजुमन
तेरे मुग़न्नी ख़ुश-नवा
शाएर तिरे शीरीं-सुख़न
हर ज़र्रा इक माह-ए-मुबीं

हर ख़ार रश्क-ए-नस्तरीं
ग़ुंचा तिरे सहरा का है
इक नाफ़ा-ए-मुश्क-ए-ख़ुतन
कंकर हैं तेरे बे-बहा

पत्थर तिरे लाल-ए-यमन
बस्ती से जंगल ख़ूब-तर
बाग़ों से हुस्न अफ़रोज़ बन
वो मोर वो कब्क-ए-दरी

वो चौकड़ी भरते हिरन
रंगीं-अदा वो तितलियाँ
बाँबी में वो नागों के फन
वो शेर जिन के नाम से

लरज़े में आए अहरमन
खेतों की बरकत से अयाँ
फ़ैज़ान-ए-रब्ब-ए-ज़ुल-मिनन
चश्मों के शीरीं आब से

लज़्ज़त-कशाँ काम-ओ-दहन
ताबिंदा तेरा अहद-ए-नौ
रौशन तिरा अहद-ए-कुहन
कितनों ने तुझ पर कर दिया

क़ुर्बान अपना माल धन
कितने शहीदों को मिले
तेरे लिए दार-ओ-रसन
कितनों को तेरा इश्क़ था

कितनों को थी तेरी लगन
तेरे जफ़ा-कश मेहनती
रखते हैं अज़्म-ए-कोहकन
तेरे सिपाही सूरमा

बे-मिस्ल यक्ता-ए-ज़मन
‘भीषम’ सा जिन में हौसला
‘अर्जुन’ सा जिन में बाँकपन
आलिम जो फ़ख़्र-ए-इल्म हैं

फ़नकार नाज़ाँ जिन पे फ़न
‘राय’ ओ ‘बोस’ ओ ‘शेरगिल’
‘दिनकर’, ‘जिगर’ ‘मैथली-शरण’
‘वलाठोल’, ‘माहिर’, भारती

‘बच्चन’, ‘महादेवी’, ‘सुमन’
‘कृष्णन’, ‘निराला’, ‘प्रेम-चंद’
‘टैगोर’ ओ ‘आज़ाद’ ओ ‘रमन’
मेरे वतन, प्यारे वतन

राहत के गहवारे वतन
हर दिल के अजियारे वतन
हर आँख के तारे वतन
खेती तिरी हर इक हरी

दिलकश तिरी ख़ुश-मंज़री
तेरी बिसात-ए-ख़ाक के
ज़र्रे हैं महर-ओ-मुश्तरी
झेलम कावेरी नाग वो

गंगा की वो गंगोत्री
वो नर्बदा की तमकनत
वो शौकत-ए-गोदावरी
पाकीज़गी सरजू की वो

जमुना की वो ख़ुश-गाैहरी
दुल्लर्बा आब-ए-नील-गूँ
कश्मीर की नीलम-परी
दिलकश पपीहे की सदा

कोयल की तानें मद-भरी
तीतर का वो हक़ सिर्रहु
तूती का वो विर्द-ए-हरी
सूफ़ी तिरे हर दौर में

करते रहे पैग़म्बरी
‘चिश्ती’ ओ ‘नानक’ से मिली
फ़क़्र-ओ-ग़िना को बरतरी
अदल-ए-जहाँगीरी में थी

मुज़्मर रेआया-पर्वरी
वो नव-रतन जिन से हुई
तहज़ीब-ए-दौर-ए-अकबरी
रखते थे अफ़्ग़ान-ओ-मुग़ल

इक सौलत-ए-अस्कंदरी
रानाओं के इक़बाल की
होती है किस से हम-सरी
सावंत वो योद्धा तिरे

तेरे जियाले वो जरी
नीती विदुर की आज तक
करती है तेरी रहबरी
अब तक है मशहूर-ए-ज़माँ

‘चाणक्य’ की दानिश-वरी
वयास और विश्वामित्र से
मुनियों की शान-ए-क़ैसरी
पातंजलि ओ साँख से

ऋषियों की हिकमत-पर्वरी
बख़्शे तुझे इनआम-ए-नौ
हर दौर चर्ख़-ए-चम्बरी
ख़ुश-गाैहरी दे आब को

और ख़ाक को ख़ुश-जौहरी
ज़र्रों को महर-अफ़्शानियाँ
क़तरों को दरिया-गुस्तरी
मेरे वतन, प्यारे वतन

राहत के गहवारे वतन
हर दिल के अजियारे वतन
हर आँख के तारे वतन
तू रहबर-ए-नौ-ए-बशर

तू अम्न का पैग़ाम-बर
पाले हैं तू ने गोद में
साहिब-ख़िरद साहिब-ए-नज़र
अफ़ज़ल-तरीं इन सब में है

बापू का नाम-ए-मो’तबर
हर लफ़्ज़ जिस का दिल-नशीं
हर बात जिस की पुर-असर
जिस ने लगाया दहर में

नारा ये बे-ख़ौफ़-ओ-ख़तर
बे-कार हैं तीर-ओ-सिनाँ
बे-सूद हैं तेग़-ओ-तबर
हिंसा का रस्ता झूट है

हक़ है अहिंसा की डगर
दरमाँ है ये हर दर्द का
ये हर मरज़ का चारा-गर
जंगाह-ए-आलम में कोई

इस से नहीं बेहतर सिपर
करता हूँ मैं तेरे लिए
अब ये दुआ-ए-मुख़्तसर
रौनक़ पे हों तेरे चमन

सरसब्ज़ हों तेरे शजर
नख़्ल-ए-उमीद-ए-बेहतरी
हर फ़स्ल में हो बारवर
कोशिश हो दुनिया में कोई

ख़ित्ता न हो ज़ेर-ओ-ज़बर
तेरा हर इक बासी रहे
नेको-सिफ़त नेको-सियर
हर ज़न सलीक़ा-मंद हो

हर मर्द हो साहिब-हुनर
जब तक हैं ये अर्ज़ ओ फ़लक
जब तक हैं ये शम्स ओ क़मर
मेरे वतन, प्यारे वतन

राहत के गहवारे वतन
हर दिल के उजयारे वतन
हर आँख के तारे वतन

Independence Day Shayari In Hindi
Independence Day Shayari In Hindi

SOURCE :
Book – Kulliyat e Arsh (Pg. 297) Author – Arsh Malsiyani

15 Augusg- नज़्म

यही जगह थी यही दिन था और यही लम्हात
सरों पे छाई थी सदियों से इक जो काली रात
इसी जगह इसी दिन तो मिली थी उस को मात
इसी जगह इसी दिन तो हुआ था ये एलान
अँधेरे हार गए ज़िंदाबाद हिन्दोस्तान

यहीं तो हम ने कहा था ये कर दिखाना है
जो ज़ख़्म तन पे है भारत के उस को भरना है
जो दाग़ माथे पे भारत के है मिटाना है
यहीं तो खाई थी हम सब ने ये क़सम उस दिन
यहीं से निकले थे अपने सफ़र पे हम उस दिन

यहीं था गूँज उठा वन्दे-मातरम उस दिन
है जुरअतों का सफ़र वक़्त की है राहगुज़र
नज़र के सामने है साठ मील का पत्थर
कोई जो पूछे किया क्या है कुछ किया है अगर
तो उस से कह दो कि वो आए देख ले आ कर

लगाया हम ने था जम्हूरियत का जो पौधा
वो आज एक घनेरा सा ऊँचा बरगद है
और उस के साए में क्या बदला कितना बदला है
कब इंतिहा है कोई इस की कब कोई हद है
चमक दिखाते हैं ज़र्रे अब आसमानों को

ज़बान मिल गई है सारे बे-ज़बानों को
जो ज़ुल्म सहते थे वो अब हिसाब माँगते हैं
सवाल करते हैं और फिर जवाब माँगते हैं
ये कल की बात है सदियों पुरानी बात नहीं
कि कल तलक था यहाँ कुछ भी अपने हाथ नहीं

विदेशी राज ने सब कुछ निचोड़ डाला था
हमारे देश का हर कर्धा तोड़ डाला था
जो मुल्क सूई की ख़ातिर था औरों का मुहताज
हज़ारों चीज़ें वो दुनिया को दे रहा है आज
नया ज़माना लिए इक उमंग आया है

करोड़ों लोगों के चेहरे पे रंग आया है
ये सब किसी के करम से न है इनायत से
यहाँ तक आया है भारत ख़ुद अपनी मेहनत से
जो कामयाबी है उस की ख़ुशी तो पूरी है
मगर ये याद भी रखना बहुत ज़रूरी है

कि दास्तान हमारी अभी अधूरी है
बहुत हुआ है मगर फिर भी ये कमी तो है
बहुत से होंठों पे मुस्कान आ गई लेकिन
बहुत सी आँखें है जिन में अभी नमी तो है
यही जगह थी यही दिन था और यही लम्हात

यहीं तो देखा था इक ख़्वाब सोची थी इक बात
मुसाफ़िरों के दिलों में ख़याल आता है
हर इक ज़मीर के आगे सवाल आता है
वो बात याद है अब तक हमें कि भूल गए
वो ख़्वाब अब भी सलामत है या फ़ुज़ूल गए

चले थे दिल में लिए जो इरादे पूरे हुए
ये कौन है कि जो यादों में चरख़ा कातता है
ये कौन है जो हमें आज भी बताता है
है वादा ख़ुद से निभाना हमें अगर अपना
तो कारवाँ नहीं रुक पाए भूल कर अपना

है थोड़ी दूर अभी सपनों का नगर अपना
मुसाफ़िरो अभी बाक़ी है कुछ सफ़र अपना

SOURCE

Book : Lava, Author- Javed Akhtar

Indian Patriotic Songs-देशभक्ति गीत

Vande Mataram”: A timeless classic, “Vande Mataram” is a soul-stirring patriotic song that pays homage to Mother India, expressing unwavering love and devotion to the nation’s soil and its people.

वन्दे मातरम् lyrics in हिन्दी

वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

सुजलां सुफलाम्
मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्
मातरम्… वन्दे

सुजलां सुफलाम्
मलयजशीतलाम्
शस्यश्यामलाम्
मातरम्…

वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
[माँ…]
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम्
शुभ्रज्योत्स्नापुलकितयामिनीम्
फुल्लकुसुमितद्रुमदलशोभिनीम्

सुहासिनीं सुमधुर भाषिणीम्
सुखदां वरदां मातरम्

वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

सप्त-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
द्विसप्त-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले
सप्त-कोटि-कण्ठ-कल-कल-निनाद-कराले
द्विसप्त-कोटि-भुजैर्धृत-खरकरवाले

अबला केन मा एत बॅले
बहुबलधारिणीं
नमामि तारिणीं
रिपुदलवारिणीं
मातरम्

वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

त्वम् हि दुर्गा दशप्रहरणधारिणी
कमला कमलदलविहारिणी
वाणी विद्यादायिनी
नमामि त्वाम्
नमामि कमलाम्
अमलां अतुलाम्
सुजलां सुफलाम्
मातरम्

श्यामलाम् सरलाम्
सुस्मिताम् भूषिताम्
धरणीं भरणीं
मातरम्

वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्
वन्दे मातरम्, वन्दे मातरम्

Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram

Maa, Maa
Sujalam suphalam, Malayajasitalam
Sasyasyamalam Mataram, Vande
Sujalam suphalam, Malayajasitalam
Sasyasyamalam Mataram, Vande Mataram

Vande Mataram, Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram

Maa
Subhra-jyotsna-pulakita-yaminim
Phullakusumita-drumadalasobhinim
Suhasinim sumadhurabhasinim
Sukhadam baradam Mataram

Vande Mataram, Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram

Saptakotikantha kala-kala ninadakarale
Dbisaptakotibhujaidhrtakharakarabale
Saptakotikantha kala-kala ninadakarale
Dbisaptakotibhujaidhrtakharakarabale
Abala kena m aeta bale
Bahubaladharinim, Namami tarinim, Ripudalabarinim
Mataram, Vande Mataram

Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram

Vande Mataram, Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram
Vande Mataram, Vande Mataram

 ऐ मेरे वतन के लोगों Lyrics In Hindi

Happy Independence Day Shayari In Hindi

“Ae Mere Watan Ke Logon”: An emotional tribute to the soldiers who sacrificed their lives for the country, this song brings tears to eyes and instills a deep sense of pride and gratitude for their selfless service.

ऐ मेरे वतन के लोगों
ऐ मेरे वतन के लोगों
तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का
लहरा लो तिरंगा प्यारा

पर मत भूलो सीमा पर
वीरों ने है प्राण
गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो
कुछ याद उन्हें भी कर लो
जो लौट के घर ना आये
जो लौट के घर ना आये

ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी

तुम भूल ना जाओ उनको
इसलिए सुनो ये कहानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी

जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो
फिर अपनी लाश बिछा दी

संगीन पे धर कर माथा
सो गए अमर बलिदानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी

कोई सिख, कोई जाट मराठा
कोई सिख, कोई जाट मराठा
कोई गुरखा, कोई मदरासी
कोई गुरखा, कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला
सरहद पर मरनेवाला
हर वीर था भारतवासी

जो खून गिरा पर्वत पर
वो खून था हिंदुस्तानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी

थी खून से लथ-पथ काया
फिर भी बंदुक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गए होश गँवा के
जब अंत समय आया तो
कह गए के अब मरते हैं
खुश रहना देश के
प्यारों
खुश रहना देश के
प्यारों
अब हम तो सफ़र करते हैं
अब हम तो सफ़र करते हैं

क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी

जय हिंद
जय हिंद की सेना
जय हिंद
जय हिंद की सेना
जय हिंद, जय हिंद, जय हिंद

FAQ- Happy independence day Shayari in Hindi

Q: What is Independence Day Shayari?

Independence Day Shayari is a form of poetic expression in the Hindi language that celebrates India’s freedom and patriotism. It comprises heartfelt verses and couplets that evoke emotions of pride, love, and unity towards the nation.

Q: How is Independence Day Shayari used?

Independence Day Shayari is commonly used to convey patriotic feelings and celebrate India’s independence on the 15th of August. People share Shayari through social media, messages, and during Independence Day gatherings to express their love for the country.

Q: What are the themes in Independence Day Shayari?

The themes in Independence Day Shayari revolve around national pride, freedom, sacrifice of martyrs, the beauty of India, unity among diverse cultures, and the importance of preserving independence.

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